Today i want to share a moral from hindu mythological story...
This is the story of the lord krishna and radha...
कृष्ण और राधा एक जन्म में मतलब पहले जन्म में एक दूसरे से प्यार करते है लेकिन किसी कारण वश किसी के श्राप से उनका प्यार सफल नही हो पाता है और उन्हें अलग होना पड़ता है तोह ऐसी स्थिति में राधा अपना देह त्याग देती है इस वचन के साथ कि हम अगले जन्म में फिर से साथ होंगे और तब अपने इश्क़ को मुक्कमल करेंगे लेकिन वो साथ ही ये शर्त रखती है कि मैं अपनी आंखें तब तक नही खोलूंगी जब तक मेरी आँखों के सामने तुम न हो और इस वचन के साथ वो मृत्यु को प्यारी हो जाती ह अगले जन्म में राधा का जन्म कृष्णा से पहले होता है लेकिन जन्म के पश्चात भी उनकी आंखें नई खुली होती है।
क्योंकि ये वचन होता है तोह निभाना तोह था ही।श्री कृष्णा का जब जन्म होता है तोह वो राधा के सामने जाते है तोह तब जा के राधा की आंखे खुलती है लेकिन राधा कृष्ण को पहचआन नही पाती की ये मेरे पहले जन्म का प्यार है। लेकिन कृष्ण को सब याद था 16 साल तक कृष्ण उनका ििइंतजआर करते रहते है उनके लिए ही बासुरी बजाते है और भी बाकी चीजे करते है।
अब आते ये कहानी सुनाने का उद्देशय क्या था। वो ये था कि इंसान ने भगवान को इसलिए बनाया ह की वो उनको फॉलो कर सके।
इस कहानी से एक चीज जो मैं समझना चाहता हु वो ये है कि कभी एक लड़के और एक लड़की का प्यार एक नही हो सकता। दोनो कभी भी एक ही तरीके से एक दूसरे से प्यार नही कर सकते है ।और नही कोई कम ओर कोई ज्यादा होता क्योंकि अगर राधा का देह त्यागना प्यार था तोह 16 वर्ष राधा का ििइंतजार करना कृष्ण का प्यार था।
हमारा समाज काम के हिसाब से विभाजित हुआ है तोह इसीलिए प्यार में दो लोगो की अलग अलग ज़िम्मेदारी होती हैं कभी भी ये कहन कि मैंने ऐसा किया तोह तुमने ऐसा क्यों नही किया ये गलत सवाल है। एक समझदार इंसान को ये समझना पड़ेगा दोनो अलग अलग लोगो की अलग अलग ज़िम्मेदारी होती ह ओर उन्हें वो ही निभानी चाहिए।
अगर एक लड़की के लिए प्यार ये हो सकता है कि वो ये बताये की उस लड़के पे कोन से कापड़े अचे लग रहे है तोह उस लड़के के लिए ये भी प्यार हो सकता है कि वो ये बताये की उसे किस्से बात करनी चाहिए या नही
अगर एक लड़की के लिये ये प्यार हो सकता है कि रोड क्रॉस करते टाइम वो ये उम्मीद करें कि वो लड़का उसका हाथ पकड़े तोह शायद उस लड़के के लिए भी ये प्यार हो सकता है कि वो ये पूछे कि वो कहा है क्या कर रही है।
लड़के का प्यार लड़की की केअर से लेकर शुरू होने से उसकी जरूरत पूरी करने तक होता है जबकि एक लड़की का प्यार उस लड़के को सपोर्ट करने से लेकर के उसे समझने और रिशेत में प्यार बनाये तक होता है।। और इसमें किसी का भी काम छोटा बड़ा नही है ये काम इसलिए ऐसे है क्योंकि इन कामो को यही बेहतर कर सकते है
इसीलिए एक लड़के का ओर एक लड़की का प्यार कभी भी एक जैसा नही हो सकता है।
एक रिश्ता अगर कभी खराब होता ह तोह अगर खराब करने में दोनों ज़िम्मेदार होते है तोह ठीक भी दोनों की ज़िम्मेदारी से ही होगा।।
Note:- its my individuals opinion uh can differ from this nd ye kisi individual ko dhyan me rkh ke nhi likha gua.. aaj mere paas kisi ki demand aai thi ki es chij pe likha jaye bs esliye likha gya.
This is the story of the lord krishna and radha...
कृष्ण और राधा एक जन्म में मतलब पहले जन्म में एक दूसरे से प्यार करते है लेकिन किसी कारण वश किसी के श्राप से उनका प्यार सफल नही हो पाता है और उन्हें अलग होना पड़ता है तोह ऐसी स्थिति में राधा अपना देह त्याग देती है इस वचन के साथ कि हम अगले जन्म में फिर से साथ होंगे और तब अपने इश्क़ को मुक्कमल करेंगे लेकिन वो साथ ही ये शर्त रखती है कि मैं अपनी आंखें तब तक नही खोलूंगी जब तक मेरी आँखों के सामने तुम न हो और इस वचन के साथ वो मृत्यु को प्यारी हो जाती ह अगले जन्म में राधा का जन्म कृष्णा से पहले होता है लेकिन जन्म के पश्चात भी उनकी आंखें नई खुली होती है।
क्योंकि ये वचन होता है तोह निभाना तोह था ही।श्री कृष्णा का जब जन्म होता है तोह वो राधा के सामने जाते है तोह तब जा के राधा की आंखे खुलती है लेकिन राधा कृष्ण को पहचआन नही पाती की ये मेरे पहले जन्म का प्यार है। लेकिन कृष्ण को सब याद था 16 साल तक कृष्ण उनका ििइंतजआर करते रहते है उनके लिए ही बासुरी बजाते है और भी बाकी चीजे करते है।
अब आते ये कहानी सुनाने का उद्देशय क्या था। वो ये था कि इंसान ने भगवान को इसलिए बनाया ह की वो उनको फॉलो कर सके।
इस कहानी से एक चीज जो मैं समझना चाहता हु वो ये है कि कभी एक लड़के और एक लड़की का प्यार एक नही हो सकता। दोनो कभी भी एक ही तरीके से एक दूसरे से प्यार नही कर सकते है ।और नही कोई कम ओर कोई ज्यादा होता क्योंकि अगर राधा का देह त्यागना प्यार था तोह 16 वर्ष राधा का ििइंतजार करना कृष्ण का प्यार था।
हमारा समाज काम के हिसाब से विभाजित हुआ है तोह इसीलिए प्यार में दो लोगो की अलग अलग ज़िम्मेदारी होती हैं कभी भी ये कहन कि मैंने ऐसा किया तोह तुमने ऐसा क्यों नही किया ये गलत सवाल है। एक समझदार इंसान को ये समझना पड़ेगा दोनो अलग अलग लोगो की अलग अलग ज़िम्मेदारी होती ह ओर उन्हें वो ही निभानी चाहिए।
अगर एक लड़की के लिए प्यार ये हो सकता है कि वो ये बताये की उस लड़के पे कोन से कापड़े अचे लग रहे है तोह उस लड़के के लिए ये भी प्यार हो सकता है कि वो ये बताये की उसे किस्से बात करनी चाहिए या नही
अगर एक लड़की के लिये ये प्यार हो सकता है कि रोड क्रॉस करते टाइम वो ये उम्मीद करें कि वो लड़का उसका हाथ पकड़े तोह शायद उस लड़के के लिए भी ये प्यार हो सकता है कि वो ये पूछे कि वो कहा है क्या कर रही है।
लड़के का प्यार लड़की की केअर से लेकर शुरू होने से उसकी जरूरत पूरी करने तक होता है जबकि एक लड़की का प्यार उस लड़के को सपोर्ट करने से लेकर के उसे समझने और रिशेत में प्यार बनाये तक होता है।। और इसमें किसी का भी काम छोटा बड़ा नही है ये काम इसलिए ऐसे है क्योंकि इन कामो को यही बेहतर कर सकते है
इसीलिए एक लड़के का ओर एक लड़की का प्यार कभी भी एक जैसा नही हो सकता है।
एक रिश्ता अगर कभी खराब होता ह तोह अगर खराब करने में दोनों ज़िम्मेदार होते है तोह ठीक भी दोनों की ज़िम्मेदारी से ही होगा।।
Note:- its my individuals opinion uh can differ from this nd ye kisi individual ko dhyan me rkh ke nhi likha gua.. aaj mere paas kisi ki demand aai thi ki es chij pe likha jaye bs esliye likha gya.
No comments:
Post a Comment